और ठगा गए किसान : छौड़ाही प्रखंड के एकंबा पंचायत के किसान बीज बेचने वालों की तरफ से कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई जाने से शुक्रवार को रोते बिलखते कृषि कार्यालय आकर आवेदन दिया। आवेदन देने वाले किसान एकंबा पंचायत के मुखिया राजेश कुमार सिंह, सरपंच विजय कुमार सिंह, वीरेश कुमार सिंह, गणेश सिंह, दीपक कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, फुलेना यादव, रामप्रकाश यादव, संकेत कुमार, प्रदीप दास, विजय कुमार रजक, संजू देवी, राम ज्योति देवी , राम उदगार पासवान, डोमनी देवी, सुमित्रा देवी, अड़हुल देवी, व्यरथ यादव, राम सजीवन चौधरी आदि किसानों का कहना था
फसल दिखाते किसान फोटो।
कि पिछले वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद इंदौर से दो क्विंटल ब्रीडर सीड एच आई 8663 पांच बीघा में लगाा किसानों में प्रसार प्रचार भी किया गया था। इस वर्ष किसानों में यह बीज यानी गेहूं के फाउंडेशन सीड को महंगे दर पर बेचा गया।किसानों ने इस उम्मीद से इनके बीजों को खरीदा कि सचमुच किसानों की आमदनी डबल हो जाएगी
पंचायत के किसानों ने अपने आवेदन में लिखा है कि हमें इस गेहूं के बारे बताया गया कि यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उपज देगा। अपेक्षाकृत जल्दी तैयार होगा , गर्मी भी आसानी से सह सकता है। कहा गया कि मध्य प्रदेश इस गेहूं का हब बना हुआ है। एकंबा पंचायत भी इस गेहूं का हब बनेगा। 1000- 2000 क्विंटल पैदा होने पर बड़े बाजार के व्यापारी को बुलाया जा सकेगा। यह भी कहा गया यह गेहूं बाजार में ऊंचे दर पर बिकेगा। मध्य प्रदेश के कृषि वैज्ञानिक डॉ दिलीप कुमार वर्मा बिडर साइंटिस्ट का भी हवाला दिया गया। किसानों ने कृषि विभाग से तत्काल खेतों का सर्वेक्षण जिला स्तरीय टीम से करवा किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।
साथ हीं कृषि विभाग के विशेषज्ञों से अनुरोध किया कि पंचायत में प्रभावित किसानों के फसल को देखकर पता लगाया जाए कि किस वजह से यह बीज प्रभावित हुआ और किसानों के खेत में नहीं उपजा।