तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों को किया चक्का जाम, किसान और पत्रकार पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग।

किसान आंदोलन के दौरान किसानो व पत्रकारों पर दर्ज मुकदमें को वापस लेने और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने  की मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी चक्का जाम को लेकर शनिवार की दोपहर महागठबंधन के कार्यकर्ता समस्तीपुर में सड़क पर उतर कर नगर भवन के समीप दरभंगा – मुसरीघरारी पथ को जाम कर दिया। इसके पूर्व स्टेशन चौक स्थित गांधी स्मारक के पास से आंदोलनकारी कृषि बिल को काला कानून बताते हुए समस्तीपुर शहर में रोषपूर्ण प्रदर्शन किया।

नगर भवन के पास पहुंच कर दोपहर 02 बजे से 03 बजे तक 01 घंटा के लिए सड़क जाम किया ।  सड़क जाम व प्रदर्शन के चलते वाहनों का परिचालन अवरूद्ध हो गया ।  नेताओं के अनुसार इंटर परीक्षा को देखते हुए एक घंटे का चक्का जाम निर्धारित किया गया ।

इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस, ￰दूध, अग्निशामक आदि गाड़ियों को नहीं रोका गया l चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा l वक्ताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की संज्ञा देते हुए कहा कि APMC एक्ट का क्लॉज 18 और 19, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट में दिक्कतें हैं जो किसानों को किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं देते हैं l

कहा कि भारत के संविधान का आर्टिकल 19 देश के लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार देता है l लेकिन कृषि कानून के ये एक्ट किसी भी तरह की कानूनी चुनौती देने से रोकते हैं l वक्ताओं ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने तथा आंदोलन के दौरान किसानों व पत्रकारों पर दर्ज मुकदमें को वापस लेने की मांग किया l

मौके पर आयोजित सभा को भाकपा माले के जिला सचिव प्रोफेसर उमेश कुमार राय, भाकपा के जिला मंत्री सुरेन्द्र प्रसाद मुन्ना , माकपा के जिला सचिव रामाश्रय महतो , पूर्व विधान पार्षद रोमा भारती, राजद जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सहनी, पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद कुमार राय, राजद के प्रदेश महासचिव फैजुर रहमान फैज , छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव
सहित अन्य नेता उपस्थित थे।

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