बिहार में स्वास्थ्य विभाग की खुलती पोल।

बिहार सरकार लाख दावा कर ले कि बिहार में  स्वास्थ्य विभाग बेहतर है लेकिन धरातल पर कुछ और है सरकार स्वास्थ्य विभाग  को लेकर कई बार सुर्खियों में रहे बिहार में अब स्वास्थ्य विभाग में बेहतर है लेकिन धरातल पर देखा जाए तो कागज के पन्नों पर  रहने जैसे हैं।
मामला सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय अंतर्गत बाजार क्षेत्र के थाना के सामने उपस्वास्थ्य केंद्र की है। वहा के
जनता ने बताया की कई वर्ष पूर्व में हीं उपस्वास्थ्य केंद्र ठीक तरह से चल रहा था।
लेकिन कई वर्ष बीतने को चला अबतक कोई भी देखने वाला नहीं है।
जबकि ये उपस्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में स्वास्थ्य प्रभारी के रहने के लिए मकान भी बना हुआ है।
अभी भी उपस्वास्थ्य केंद्र में स्थित मकान में स्वास्थ्य प्रभारी रह रहे हैं।लेकिन कई वर्ष बीतने को चला है उपस्वास्थ्य केंद्र की ओर किसी भी पदाधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है।

जबकि बाजारों में रह रहे हजारों की संख्यां में जनता में नाराजगी चल रही है।
क्योंकि जनता ने बताया की यहां पर उपस्वास्थ्य केंद्र चलते रहने से हजारों जनता में महिला, पुरुष, बूढ़े, बच्चे, सभी को लाभ मिलता।
क्योंकि मर्जेन्सी में रात्रि समय में जनता को करीब तीन किलोमीटर दूरी तय कर अनुमंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है।
वहीं उपस्वास्थ्य नहीं चलते रहने से कचरे की ढेर में तब्दील हो गया है।

वहीं स्वास्थ्य विभाग की चार पहिया वाहन को भी कचरे की ढेर में तब्दील देखा गया।
जनता का कहना है की सरकार जल्द ही उपस्वास्थ्य केंद्र को चालू करे जिससे हजारों जनता को लाभ मिल सके।
अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू के राज कब तक उपस्वास्थ्य केंद्र चालू हो पाता है।
कब तक मे पदाधिकारी की ध्यान इस उपस्वास्थ्य केंद्र पड़ पड़ती है।
या ऐसे हीं उपस्वास्थ्य केंद्र कचरे की ढेर में तब्दील होता रहेगा।

 

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *