इस अवसर पर डॉक्टर विश्वेश्वरैया की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए प्रतिष्ठान के जिला अध्यक्ष श्री चौधरी ने कहा कि अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी व बीमारी जैसी गंभीर समस्याओं को मिटाने में उन्होंने कई भगीरथ प्रयास कर आधुनिक भारत के निर्माण में महत्पूर्ण भूमिका अदा की थी। गंगा नदी में सिमरिया घाट पर निर्मित राजेंद्र पुल के स्थल चयन का कार्य इन्होंने ही किया था।जिसके के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। एम. विश्वेश्वरैया महिला शिक्षा के भी बड़े समर्थक थे। फैक्ट्रियों के अभाव, सिंचाई के लिए वर्षा जल पर निर्भरता व खेती के पारंपरिक साधनों के प्रयोग को वे गरीबी का मूल कारण मानते थे। श्री चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राष्ट्र के विकास के लिए भारत सरकार ने जिस पंचवर्षीय योजना को लागू किया उसकी अवधारणा डॉक्टर विश्वेश्वरैया ने ही डाली थी।
पारिस्थितिकी विज्ञान को प्रगतिशील समाज व राष्ट्र के लिए वे काफी आवश्यक मानते थे। श्री चौधरी ने कहा कि सिंचाई सुविधा, विद्युत उत्पादन, औद्योगिक वृद्धि,विभिन्न नदियों पर बांध निर्माण , जलाशय निर्माण, तकनीकी विकास, विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय व मैसूर बैंक स्थापना करना इनकी विशेष उपलब्धियां है। इस अवसर पर राम विशेष चौधर, रामानंद चौधरी, सुरेंद्र चौधरी ,अंकित चौधरी ,आशुतोष चौधरी, शालिग्राम चौधरी, कन्हैया चौधरी, केशव चौधरी, छोटे सदा, सोनू चौधरी ,प्रकाश चौधरी सहित कई लोगों ने उन्हें नमन कर याद किया।
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