बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में वृद्धा पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही 75 वर्षीय सुशीला देवी। मालूम हो कि वृद्धा अवस्था मैं पेंशन की प्रतीक्षा करते करते कई महिना एवं बुजुर्ग स्वर्ग सिधार गए, कई महिलाएं बुजुर्ग पेंशन की आस में लेकर बैठे हुए हैं। इन वृद्ध महिला एवं बुजुर्ग प्रशासन की मानवीय संवेदना इनके प्रति नहीं जाग रही है, तभी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। वही शनिवार को इसी आस में बेलदौर प्रखंड के बोबील पंचायत अंतर्गत मसोमात सुशीला देवी उम्र 75 वर्ष पति झिंगरू साह की पत्नी प्रखंड मुख्यालय के कार्यालय का चक्कर भादो मास के दोपहर की चिलचिलाती धूप में कर्मचारी और अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो कार्यालय में ताला लटका पड़ा हुआ था। प्रतिदिन इसी तरह दर्जनों वृद्ध प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने पहुंचते हैं तो बिना नोट का प्रखंड कार्यालय में काम नहीं होता।
वही मौसमात 75 वर्षीय सुशीला देवी ने बताया कि उन्हें दो बार पेंशन उठाया था। लेकिन उसके बाद पेंशन मिलना बंद हो गया। वही बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा सीनियर सिटीजन को हर महीने आमतौर पर चार से 6 सौ की दर से पेंशन मिलता है। वही केंद्र सरकार भी वृद्धा पेंशन में दो सौ प्रति माह की हिस्सेदारी बाकी रकम केंद्र सरकार राज्यों को अतिरिक्त मदद के तौर पर देती है। वृद्धा पेंशन योजना में सीनियर सिटीजन की उम्र पहले 65 वर्ष थी जो घटाकर 60 वर्ष कर दिया। लेकिन 75 वर्षीय महिला भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। स्थानीय पंचायत के मुखिया एवं वार्ड सदस्य अपने पंचायतों में सीनियर सिटीजन अपने प्रखंड मुख्यालय में वृद्ध महिला एवं पुरुषों की सूची बनाकर प्रखंड मुख्यालय के कार्यालय में जमा नहीं करते हैं। इसलिए प्रखंड क्षेत्र के वृद्ध महिला पुरुष दर-दर की ठोकरें खा रही हैं।