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एनएच 107 के किनारे बसे सैकड़ों परिवार को सता रहा है चिंता, उजाड़ने का मिल गया है विभाग से आदेश।

राजकमल कुमार / रिपोर्टर ।

बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के एन एच 107 के बगल में पुनर्वासित महादलितों के आशियानों के उजड़ने का खतरा मंडरा रहा है  एनएच 107 के चौड़ीकरण से पिरनगरा पंचायत के वार्ड नंबर 4 में बसे एक सौ से अधिक महादलित परिवार के विस्थापित हो जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

इससे प्रभावित होने वाले परिवारों में मायुसी छाई हुई है। उनके चेहरे पर मुस्कान कौन लाएगा ? वैसे मसीहा के तलाश प्रभावित होने वाले परिवार के मुखिया कर रहे हैं। एनएच चौड़ी करण के बाद उनका नया आशियाना कहां बनेगा  उन्हें इस बात की चिंता रात दिन सता रही है।

कार्य एजेंसी के द्वारा प्रभावित होने वाले परिवार को बार बार ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं खतरे वाली घंटी बजाकर एनएच के जमीन को अविलंब खाली कर देने की चेतावनी दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि पिरगनगरा पंचायत के ठाकुड़बाड़ी टोला वार्ड नंबर 4 में एक सौ से ज्यादा महादलित परिवार एनएच के पुरब सड़क के जमीन में बसे हुए हैं। इन परिवारों को पुनर्वासित करने के लिए गत दो दशक से प्रभावित परिवार प्रशासन का ध्यान लिखित एवं मौखिक रुप में आकृष्ट किया गया, लेकिन प्रभावित होने वाले परिवारों को पुर्नवासित करने के लिए सरकारी अथवा गैर सरकारी स्तरों पर कोई ठोस इंतजाम नहीं हो पाया है।

बताया जाता है कि गांव में धार्मिक न्यास परिषद की सैकड़ों एकड़ जमीन है, जिस पर पीड़ित परिवारों को पुनवार्सित किया जा सकता है। लेकिन इस ओर ट्रस्टी एवं प्रशासन के द्वारा इन्हें पुनर्वासित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाने के कारण प्रभावित होने वाले परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

पंचायत के पूर्व मुखिया संजीत सम्राट,दिनेश सदा, सरपंच विष्णुदेव सादा और पूर्व प्रखंड प्रमुख रंजो देवी बताती है कि दर्जनों बार स्थानीय अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार के मंत्री तक को इस संबंध में पत्र लिखकर ध्यान आकृश्ट करवाया गया, लेकिन परिणाम ढाक का तीन पात निकला। पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के मुताबिक महादलित परिवार को विस्थापित किए जाने के पहले नए पुनवार्स का व्यवस्था होने तक उन्हें, निःशुल्क आवासीय सुविधा की व्यवस्था की जाए, उसके बाद ही प्रभावित होने वाले परिवारों के आशियाने को उजाड़ा जाए।
वहीं सीओ अमित कुमार ने बताया कि मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उनसे दिषा निर्देश मिलने पर पुनर्वासित किए जाने के दिशा में सार्थक कारवाई प्रारंभ कर दी जाएगी।

 

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