नये सेवाशर्त के जरिये शिक्षकों को बंधुआ बनाये रखने की साजिश कर रही सरकार |

के.के. शर्मा /रिपोर्टर / रोसड़ा ।
* सहायक शिक्षक- राज्यकर्मी का दर्जा तदनुरूप सेवाशर्त देना होगा
* हकमारी के खिलाफ टीइटी एसटीइटी शिक्षकों का तेेज होगा संघर्ष
* शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकविरोधी सरकार को उखाड़ फेकने का लेंगे संकल्प

समस्तीपुर : रोसड़ा :-  नये सेवाशर्त में नियोजित शिक्षकों की मांगों की उपेक्षा के खिलाफ टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों का सरकार के प्रति आक्रोश लगातार बढ़ता ही दिख रहा है | आज इसी क्रम में टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित संघ गोपगुट समस्तीपुर की जिलास्तरीस भर्चुअल बैठक जिलाध्यक्ष अशोक कुमार साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुआ संचालन सचिव रंजीत कुमार रमन ने किया |

बैठक में वक्ताओं ने नई सेवाशर्त को नकारते हुए कहा  सेवाशर्त में शिक्षकों के लिए ऐच्छिक स्थानान्तरण, फुलफ्रेज इपीएएफ, अर्जितावकाश, ग्रेच्युटी, बीमा, मेडिकल समेत उनकी महत्वपूर्ण मांगों को दरकिनार कर दिया गया है |

नये सेवाशर्त में जहां ऐच्छिक स्थानान्तरण का लाभ शिक्षिकाओं एवं विकलांगों के लिए महज एकबार रखा गया है वहीं म्युचअल स्थानान्तरण के नाम पर शिक्षकों को भ्रमित करने की कोशिश की गई है | अर्जितावकाश भी राज्यकर्मियों को तीन सौ दिनों का मिलता है वही नियोजित शिक्षकों को महज 120 दिनों का दिया गया है | केंद्र सरकार द्वारा लाये गये इपीएफ संशोधन कानून के आलोक में मूल वेतन पर इपीएफ कटौती के बजाय मिनिमम वेज पर इपीएफ की कटौती करते हुए नियोजित शिक्षकों को देय इपीएफ के पर भी कतर दिये गये हैं |

अनुकंपा के नाम पर आश्रितों के लिए मस्टररॉल टाइप अनुसेवी और विद्यालय सहायक जैसे मानदेयी पद गढ़े गये हैं जिनसे एक परिवार का मिनिमम गुजारा संभव नही| सेवाशर्त में ग्रेच्युटी बीमा एवं मेडिकल आदि सुविधाओं का तो जिक्र तक नही है | प्रोन्नति एवं पदौन्नति जैसे मसले पर RTE और NCTE के प्रावधानों की खुली धज्जियां उड़ाकर शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है | डीए में कटौती करते हुए 01 अप्रैल 2021 से 15% वेतनवृद्धि का लालीपाप दिखाया जा रहा है | जबकि सुप्रीमकोर्ट ने पिछले साल ही टीइटी शिक्षकों के लिए बेटर पे स्कैल का सुझाव दिया है | यह सेवाशर्त सर्वोच्च न्यायालय के वेतन संबंधी न्यायिक सुझावों का भी निषेध कर रही है | यह नया सेवाशर्त शिक्षकों के बंधुआगिरी को बहाल बनाये रखने का ही कानूनी जामा है |
संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अशोक कुमार साहू ने कहा कि सरकार ने टीइटी एसटीइटी शिक्षकों के भविष्य का गला रेत दिया है| जहां टीइटी उत्तीर्ण शिक्षकों को दूसरे राज्यों में सीधे सहायक शिक्षक पद पर बहाली की जाती है वहीं बिहार सरकार ने टीइटी शिक्षकों के साथ चरम भेदभाव कर रही है | प्रशिक्षित रहने के बावजूद शिक्षकों को दो वर्षों तक ग्रेड पे से वंचित रखनेवाली सरकार शिक्षकों के प्रौन्नति एवं पदौन्नति में पात्रता की अपरिहार्यता से पल्ला झाड़ रही है| राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एवं शिक्षा अधिकार कानून को दरकिनार कर नये सेवाशर्त के जरिये ठेका अनुबंध की प्रणाली को बहाल रखने की साजिश तेज है |
आगामी 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर “बदला लो- बदल डालो” के साथ जिले के शिक्षकों ने अपने विरोध को जारी रखने की घोषणा की है | बैठक को कोषाध्यक्ष पवन कुमार शर्मा,उपाध्यक्ष बिरदेलाल यादव, पंकज कुमार,प्रदीप कुमार, बालबिजय कुमार, कौशल किशोर क्रान्ति, विवेक कुमार, मुकेश कुमार, अनिल प्रभाकर, जितेन्द्र कुमार, -आदि शिक्षक प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया |

 

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