राजनीतिक तक/ पटना
बिहार में कोरोना महामारी ने बिहार सरकार एवं उनके सिस्टम के ऊपर से पर्दा उठा दिया है। बिहार में लगातार 15 वर्षों से एनडीए की सरकार को पोल खोल दिया है पिछले पांच महीनों से सरकार की उदासीनता एवं लापरवाही के बिहार में कोरोना महामारी अब भयानक रूप धारण कर लिया है
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि 15 वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्था ने खुद अपना सच बताना शुरू कर दिया है।
नीति आयोग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, यूनिसेफ आदि संस्थानों के मूल्यांकन में बिहार पीछे है। कोरोना से लडऩे के लिए बिहार ने उचित प्रबंधन नहीं किया। कामगारों का मसला हो या स्वास्थ्य अधिसंरचना का, सबकुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि कोई नया अस्पताल नहीं बना। पुराने की क्षमता नहीं बढ़ाई। मार्च से ही कह रहा हूं कि जन स्वास्थ्य को तरजीह दें। राजनीति बाद में कर लेंगे, लेकिन मेरे सुझावों पर नकारात्मक टिप्पणी की गई।
कोरोना में सभी पार्टियों को एक हो कर इस महामारी से निपटना चाहिए था लेकिन इस कोरोना में भी राजनीतिक किया जा रहा है।
बिहार में कोरोना के तेजी से लोगों पर हावी हो रहा है लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए को प्लान तैयार नहीं की गई हैं।
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