इस पंचायत के 500 से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की गई है। कोरोना जांच के नाम पर अवैध उगाही, बिना जांच के ही रिपोर्ट जारी करने , अवैध रकम की वसूली कर कई दिनों के बाद जांच के रिपोर्ट का मैसेज भेजने को लेकर चर्चित छौड़ाही पीएचसी ने एक और कारनामा कर इस महामारी के दौर में सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डाल दी है।
मामला है छौड़़ाही पीएचसी द्वारा एकंबा के आंगनबाड़ी सेविका एवं उनके पुत्र को पहले पॉजिटिव घोषित कर उनके घर पर पोस्टर चिपका होम आइशोलेट करने, फिर दो दिन बाद पॉजिटिव व्यक्ति के मोबाइल पर कोरोना नेगेटिव का मैसेज भेजने का। अब कैंप में जांच कराएं तमाम लोग सशंकित हो उठे हैं एवं ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
क्या है मामला : एकंबा गांव की आंगनबाड़ी सेविका ने चार अगस्त को एकंबा गांव में आयोजित कैंप में अपना जांच करवाया। जांच के बाद उन्हें पॉजिटिव घोषित कर होम आइशोलेट कर दिया गया। पीएचसी छौड़ाही द्वारा उनके घर के बाहर पोस्टर चिपका भी चिपका गया।
इसके बाद आंगनबाड़ी सेविका के पुत्र ने भी 6 अगस्त को कैंप में अपना जांच करवाया उन्हें भी पॉजिटिव घोषित कर घर पर आइशोलेट कर दिया गया। 8 अगस्त को छौड़ाही पीएचसी द्वारा मोबाइल पर मैसेज भेजा गया। जिसमें कहा गया है कि आपके कोरोना जांच का रिपोर्ट नेगेटिव आया है। इसके बाद दोनों मां बेटे काफी घबरा गए ।
उन्होंने पीएचसी से संपर्क किया गया तो कहा गया कि जिला से संपर्क कीजिए । जिला से कहा गया कि पीएचसी से संपर्क कीजिए। दूसरी तरफ एकंबा के कोरोना जांच कराए लोगों में पहले पॉजिटिव फिर नेगेटिव का मैसेज आने के बाद कोरोना जांच पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीण अनीस कुमार, अशोक कुमार पंडित, विनय कुमार आदि का कहना है कि कोरोना जांच के नाम पर सब कुछ अव्यवस्थित तरीके से हो रहा है। हम लोग अब काफी सशंकित हो गए हैं।
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