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बाढ़ से पहले बाढ़ के समय सरकारी व्यवस्था पूर्ण तरह से फैल, सिर्फ कागजी पन्नों में सिमट कर रह गया बाढ़ की सारी व्यवस्था।

राजकमल कुमार / रिपोर्टर / बेलदौर।
खगड़िया : बेलदौर : पूरे बिहार में एक तरफ जहां कोरोना के प्रकोप ने कहर बरपाया फिर बारिश और  बाढ़ ने किसानों के कमर तोड़ कर रख दी है। अब बाढ़ की विभीषिका से बेलदौर प्रखंड  क्षेत्र के इतमादी पंचायत के कुंजहारा वार्ड नंबर 6 मे बाढ़ ने कहर ढहाते हुए आवागमन पूर्ण तरह से बाधित कर दिया।पंचायत की ओर से कोई राहत सुविधाये नहीं दी गयी ।

सरकारी सुविधा सिर्फ एक नोका दिया गया।इस गाँव के लोग घरों मे बाढ़ के पानी आ जाने से रोजी रोटी की समस्या से जूझना पड़ रहा हैं।  वहीं इस वार्ड नंबर 6 की लगभग आबादी करीब एक हजार है।लगभग 216 घर हैं सारी सरकारी सुविधा से बंचित हैं।

वहीं तेलिहार,बारूण, कुर्बन,माली, डुमरी के कई इलाकों में कोसी एवं बागमती नदी का पानी ने ढ़ाया कहर विभिन्न इलाकों से प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा, निचले ग्रामीण इलाके के आवागमन पूरी तरह बाधित।बेलदौर पंचायत के  खरर्रा बासा के ग्रामीणों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटने से करीब दो हजार की आबादी वाले क्षेत्र खरर्रा बासा के ग्रामीणों के उपर बाढ़ की विभीषिका ने ढाया कहर ,गांव पहुंचने के लिए कोई आवागमन के वैकल्पिक व्यवस्था नहीं । समाजसेवी विकाश कुमार और भोलू कुमार ने  ग्रामीणों को भरोसा दिया जल्द ही नाव की व्यवस्था करा दी जाएगी।

तेलिहार पंचायत के वार्ड  नंबर 3 एवं 8 में तट बंध के किनारे बसे हुए , करीब 200 ग्रामीणों के चूल्हा एवं घरो में घुसा पानी लोग खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर , प्रशासन की ओर से बाढ़ पीडित व्यक्तियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।

दिघौन पंचायत के राजा बाजार मे घुसा बाढ़ का पानी कई ग्रामीणों के घरों में घुसा पानी आवागमन पूरी तरह से बाधित सरकार से राहत सामग्री की मांग ।माली पंचायत में प्रधानमंत्री के योजना से बनाए हुए सड़क को बाढ़़ ने अपना कहर ढ़ाहते मुख्य सड़क से संपर्क टुट चुका है। उन्हें किसानों पर लगे धान के खेत को बर्बाद कर दिया, किसानों को बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की है बिहार सरकार के बाढ़ से पहले एवं बाढ़ के समय सभी सरकारी योजनाएं  सिर्फ कागजी पन्नों पर ही सिमट कर रह गया है ।
बाढ़ प्रभावित इलाके में  सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। सरकार द्वारा पहुंचाए जाने वाले राहत सामग्री किसी भी इलाके में अभी तक नहीं  पहुंचाया गया। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
वही इतमादि पंचायत के वार्ड नंबर 6 के ग्रामीण बेचु शर्मा, वार्ड सदस्य रेनु देवी,मेदो साह,देवन शर्मा, मुरारी शर्मा,मसोमात ललीता देवी,लुखिया देवी समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि मेरे वार्ड में बाढ़ का पानी करीब एक माह से फस चुका है,घर में चुल्हा चौंकी बंद हो चुका है,रात विरात जंगली जीव जंतु सड़क पर निकल जाता,हम लोगों को डर सता रहा है।

 

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