रक्षाबंधन भाई बहन का प्यार है जो अपने भाई को हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। बाजार में राखी दुकान पर काफी भीड़ देखी गई। बहन अपने भाई के लिए अपने मनपसंद से राखी खरीदने में मशहूर थी। मालूम हो कि बेलदौर बाजार में रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर मिठाई की दुकान खुली रहेगी। लेकिन इस बार यह पर्व कोरोना वायरस जैसे महामारी के बीच होने वाला है। बहन अपने भाई की कलाई पर देसी राखी बांधेगे।
मालूम हो कि 03 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार बहन और भाई के आपसी प्रेम और स्नेह का त्योहार है। इस पर्व में बहनें अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधती है।मालूम हो कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। लंका के राजा रावण ने अपनी बहन भद्रा से समय ही राखी बंधवाई थी। भद्राकाल में राखी बाधने के कारण ही रावण का सर्वनाश हो गया था। इसी मान्यता के आधार पर जब भी भद्रा लगी रहती है। उस समय बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी नहीं बांधती है। भगवान शिव शंकर भद्र काल में तांडव नृत्य करते हैं। इस कारण से भी भद्रा में शुभ कार्य नहीं किया जाता है। बुजुर्गों द्वारा बताया गया है कि भद्रा शनिदेव की बहन है। भद्रा शनिदेव की तरह उग्र स्वभाव की हैं। भद्रा को ब्रह्रााजी ने शार्फ दिया कि जो भी भद्राकाल में किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी ।वही 3 अगस्त को भद्रा की समाप्ति के बाद ही अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे। भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि नहीं होता है।
तीन अगस्त को सोमवार को ही भ्रदा नक्षत्र होने रक्षाबंधन का मुहूर्त बहुत ही शुभ रहेगा।सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर सूर्य का नक्षत्र उत्तराषाढा़ समाप्त हो रहा है और चन्द्र के नक्षत्र श्रवण आरम्भ होगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल ज्यादा देर के लिए नहीं रहेगा। 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक ही भद्रा काल रहेगी उसके बाद भद्रा काल खत्म हो जाएगी।। भद्रा की समाप्ति के बाद पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन राहुकाल का समय सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक रहेगा।
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