खगड़िया :बेलदौर प्रखंड क्षेत्र उफनाई कोसी मे गिरावट होते ही लोगो ने बाढ के संभावित खतरो से थोडी़ राहत महसुस किया है तो वही प्रभावित ईलाके के लोग घरो मे बाढ का पानी जमा रहने ,संपर्क पथो के डुब जाने एवं किसी प्रकार का राहत एवं बचाव कार्य अब तक नही चलाये जाने से समस्याओं के बीच जीवन बिताने को बेवश है ।प्रखंड के इतमादी पंचायत के बारूण ,गांधीनगर ,पचबीघी ,दिघौन पंचायत के थलहा ,सौनडीहा बासा ,पश्चिमी दिघौन(रूकमिणीया),बलथी बासा ,बलैठा पंचायत के निचला ईलाके का पचाठ ,डुमरी गांव ,तेलिहार का कामाथान मुसहरी ,वार्ड 8 का निचला ईलाका ,कैंजरी का पश्चिमी पार टोला ,माली का अकहा ,कैंजरी पंचायत का बघरा ,ददरौजा ,भोजुटोल ,पचौत का भरना गांव समेत निचले ईलाके की कई टोले मे बाढ का पानी फेला है ,दर्जनो घरो मे बिते एक सप्ताह पूर्व से बाढ का पानी है ,प्रभावित गांव की संपर्क पथ पानी मे डुबी हुई है ।बाढ का पानी फेलकर ईलाके के आधी से अधिक भूभाग को जलमग्न कर चुकी ,स्थिर कोसी से किसानो को अब खरीफ की धान फसल वर्वाद होने की चिंता सता रही है तो वही पशुपालक भी पशुचारा की किल्लत से मवेशी को रख पाने मे असमर्थ महसुस कर रहे है ।
वही ईलाके के निचले ईलाके मे पश्चिमी दिघौन ,सौनडीहा बासा ,थलहा ,कैंजरी का पश्चिमी पार ,कुर्बन का बघरा ,भोजुटोल बासा आदि बाढ के पानी से घिरे रहने के कारण टापु मे तब्दील है ।प्रभावित ईलाके के लोग अपने अपने घरो मे कैद है ,लेकिन अपनी जरूरतो को पुरा करने के लिऐ पीडित परिवार बाढ के पानी मे पांव पैदल या जुगार नाव के सहारे आर पार करना पड रहा है ,इससे प्रभावित ईलाके के लोगो मे विभाग व जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी बढती जा रही है ।दिघौन के मो तबरेज ,मो आजाद ,मो नैयर ,मो अताबुल समेत पीडित परिजनो ने बताया कि इस संकट की घडी मे अबतक कोई सुध लेने नही पहुंचा है ,एक तो बढता कोरोना संक्रमण का खतरा दुसरा बाढ से उत्पन्न हुई ।