इसके साथ-साथ मुझे ब्लड प्रेशर एवं मधुमेह की भी शिकायत है। यहां काउंटर पर बैठे एक व्यक्ति ने मेरा नाम एवं मोबाइल नंबर पूछ कर लिख लिया और बाहर बैठने को कहा। 2:00 बजे दिन तक बैठने के बाद भी किसी डॉक्टर ने मुझे नहीं देखा। लेकिन, मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें मेरा निबंधन संख्या आदि लिखा हुआ था एवं इसके साथ दबा भी लिखी हुई थी जिसे खाने का दिशानिर्देश मैसेज में ही दिया गया था। बिना जांच के हीं दवाई लिखने एवं वितरण का मैसेज देख जब डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने बताया कि आप का रजिस्ट्रेशन हो गया है। मैसेज पहले चला गया है अब जांच होगा। इस गोरखधंधे को देख वहां मौजूद कोरोना जांच कराने आए लोग भड़क उठे। लोगों का कहना था कि बिना जांच के ही दवा का मैसेज भेज दिया गया है। हंगामे की स्थिति देख पीएचसी में मौजूद डाक्टरों एवं कर्मियों ने आदित्य कुमार सिंह समेत अन्य लोगों को अंदर आने के लिए कहा। लेकिन इस घपले बाजी को देख कोरोनावायरस जांच पर सवाल पैदा करते हुए सभी लोग पीएचसी से वापस चले गए ।
आदित्य कुमार सिंह ने पीएचसी छौड़़ाही द्वारा बिना जांच के हीं दिए गए मैसेज की कॉपी जिलाधिकारी राज्य स्वास्थ्य समिति मुख्यमंत्री बिहार सरकार को भेज कर पीएचसी छौड़ाही के लापरवाह कर्मियों और डॉक्टरों पर कोरोना महामारी में जांच और दवा वितरण के नाम पर फर्जी मरीज का रजिस्ट्रेशन कर घोटाले करने की आशंका जता सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
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