बलवंत चौधरी
( सबकी खबर आठो पहर न्यूज रूम )
(बेगूसराय) : कोरोना जांच के नाम पर सर्दी खांसी और बुखार से पीड़ित व्यक्ति से तीन हजार रुपये मांगने और रिश्वत नहीं देने पर तीन घंटे इंतजार करा पीएचसी छौड़ाही से कोरोना संदिग्ध व्यक्ति को लौटा देने का मामला तूल पकड़ लिया है। लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत कर छौड़ाही पीएचसी प्रभारी पर कारवाई की मांग की है।
इस संबंध में छौड़ाही प्रखंड के एकंबा निवासी अवधेश कुमार सिंह, अभिजीत कुमार, किसान सलाहकार अनीस कुमार का कहना है कि प्रखंड के मनरेगा पदाधिकारी अरविंद कुमार की संदिग्ध स्थिति में मौत के बाद हुए जांच में दो रोजगार सेवक भी कोरोना पॉजीटिव पाए गए। इसके बाद प्रोग्राम पदाधिकारी एवं रोजगार सेवक के संपर्क में आएलोगों में दहशत है। हमलोगों को काफी पैरवी के बाद आज जांच के लिए पीएचसी बुलाया गया। यहां एक बजे पहुंचे पीएचसी प्रभारी डॉक्टर कमलेश कुमार ने तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति देने के बाद ही कोरोना जांच की बात कहने लगे। रुपये नहीं मिलने पर वह हमलोगों का जांच नहीं किए हैं।
इन लोगों का कहना था कि डॉक्टर कह रहे हैं कि यहां नेगेटिव रिपोर्ट आने पर बेगूसराय में भेज दिया जाएगा आप लोगों को। जबकि, अब तक आठ व्यक्ति का रिपोर्ट नेगेटिव आ चुका है वह सभी अपने घर पर रहे हैं। किन्हीं लोगों को बेगूसराय नहीं भेजा गया है।
पीएचसी पर मौजूद एकंबा निवासी अभिजीत सिंह का कहना है कि मेरे पिता एक सप्ताह से तेज बुखार सर्दी खांसी से पीड़ित हैं। वह एकंबा पंचायत में पीओ एवं रोजगार सेवक के साथ पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल थे उसी के बाद से उनका तबीयत खराब हुआ है । पीएचसी प्रभारी 3000 रुपये लेने के बाद ही जांच करने पर अरे हैं। जबकि सरकार फ्री में जांच की बात कह रही है। थक हार कर 3 घंटे के बाद घर वापस जा रहे हैं। मेरे पिताजी को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर तक पीएचसी से नहीं दिया गया । पिताजीकि तबीयत काफी बिगड़ चुकी है।
किसान सलाहकार अनीस कुमार, अभिजीत सिंह आदि लोगों को डीएम के पास शिकायत दर्ज करा पीएचसी प्रभारी पर कारवाई करने एवं पॉजिटिव रोजगार सेवक के संपर्क में आने वाले किसान सलाहकार और किसानों की कोरोना जांच कैम्प लगा एकसाथ करा लोगों को भयमुक्त करने की मांग की है।