बेलदौर प्रखंड क्षेत्र में कोसी नदी से घिरे प्रखंड की आधी आवादी संभावित बाढ की खतरो से सहमे हुऐ है ,लोगो को इस बात की चिंता सताने लगी है कि कोरोना संकट के बीच संभावित बाढ के दौरान जीवन कैसे कटेगी ।वही कोसी नदी मे बिते गुरूवार की देर शाम से हो रही उतार चढाव से बाढ प्रभावित ईलाके के लोगो की सांसे संभावित खतरे से निपटने को लेकर अटकी हुई है । उफानाई कोसी मे बिते 24 घंटे से हुई गिरावट से विस्थापित परिवार थोडा राहत महसुस कर रहे है तो वही निचले ईलाके मे फैले बाढ के पानी से डुब चुकी खरीफ फसल के बर्वाद होने की चिंता भी किसानो को सताने लगी ।हालाकि ईलाके के बलैठा ,तेलिहार कामाथान मुसहरी ,आनंदी सिंह बासा ,इतमादी का गांधीनगर ,पचबीघी ,स्वर्णपुरी का वार्ड 2 ,बारूण ,कुर्बन का बघरा , सठमा ,ददरौंजा गांव ,दिघौन का वार्ड नंबर चार रूकमिणीया ,थलहा एवं कैंजरी का पश्चिमी पार का ईलाका बाढ के पानी से पुरी तरह घिर चुका है तो संबंधित टोले मे बाढ का पानी बसाबटो मे प्रवेश करने को आतुर है ,कोसी नदी डेढ मीटर के करीब उफान भरी तो संबंधित ईलाके के घरो मे पानी प्रवेश कर जाऐगा ।
वही नदी के जलस्तर मे उछाल होने पर जब आवादी वाले भुभाग मे बाढ का पानी प्रवेश करेंगी तो कोरोना संकट के बीच लोगो को कई कठिनाईयो से जुझना पडेगा ।नदी किनारे बसी आवादी कोरोना संक्रमण के खतरे एवं बाढ के संभावित खतरे के बीच जीने को बिवश है ।वही नदी के भुगोल मे बदलाव से कटाव एवं बाढ की संभावित विभिषिका से चौढली गांव को राहत मिली है तो वही डुमरी ,बलैठा ,पचाठ ,बारूण ,इतमादी एवं सहरोण कोसी के मुहाने पर है ,जहां जलस्तर मे बढोतरी के साथ ही संभावित बाढ के खतरे से लोग सहमे हुऐ है ।