प्रशांत कुमार/ सिंघिया /रिपोर्टर।
समस्तीपुर / सिंघिया प्रखंड में प्राकृतिक आपदा का आगाज हो चुका है आपको बताते चले कि सिंघिया प्रखंड में हर साल बाढ़ के पानी से घिर जाता है लेकिन इस बार वैश्विक महामारी के शिकंजा से निकलने के पहले ही बाढ़ की पानी देख क्षेत्र के अन्नदाता किसानों को जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है
जीवन जीने का अस्तित्व ही खतरे में दिखने लगी है. इस बार कोरोना जैसे महामारी ने लोगों को महासंकट में डाल दिया फिर यह बाढ़ का प्रलयंकारी दृश्य जिससे फसल, मवेशी जैसे अन्य को भी समस्या का सामना करना पड़ता है . जिसका दृश्य पंचायत कुंडल 1, कुंडल दो महरा,सोनसा, सालेपुर, हरदिया पंचायत के ग्राम हरदिया बहदूरा, डुमरा, मिल्की, बस्ती इस्लामपुर(पनपीबी ) इत्यादि गांव के साथ-साथ बंगरहटा,वारी,नीरपुर भरडिया, इत्यादि पंचायतों के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं।
किसानों के धान की फसल सब्जी उत्पादन पूर्णतया नष्ट हो चुकी है. प्रखंड क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता नजरे आलम सिद्दीकी,डॉ समोली झा,लड्डू सिंह, हरिहर झा,अनवारूल हक, नाजिर खान, रत्नेश्वर प्रसाद सिंह,इत्यादि ने बताया कोविड-19 से संघर्ष विराम भी नहीं हुआ. बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव के किसानों की फसल नष्ट होने से किसानों की रीड की हड्डी टूट गई है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से अभिलंब नाव एवं नाविका की बहाली तथा शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पंचायत स्तरीय औषधालय कैंप एवं उचित राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए पीड़ित नागरिकों का सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति मुआवजा अविलम्ब प्रदान कर लोगों को राहत बहाल कराने मांग की हैं।