राजकमल कुमार / बेलदौर / रिपोर्टर।
बेलदौर -प्रखंड क्षेत्र के आधी आवादी को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप प्रभावित करती उफनाई कोसी नदी अब बसावटो के समीप पहुंचकर संपर्क के भूभाग को निगलने को आतुर है तो वही संभावित बाढ की संकटो से प्रभावित ईलाके के लोगो की धडकने भी तेज हो गयी ।तेलिहार के कामा थान मुसहरी ,आनंदी सिंह बासा ,तिरासी टोला ,बलैठा का पचाठ ,डाढी ,नववटोलिया ,डुमरी गांव एवं इतमादी का पचबीघी ,गांधीनगर एवं बारूण गांव के लोग अब घर के दहलीज तक पहुचने को आतुर उफान भरती कोसी की तेज धारा देख बाढ की संकटो से जुझने की तैयारी मे जुट गये है ।
वही निचले ईलाके मे बाढ का पानी फेलकर खरीफ की फसलो को नुकसान करने लगी है ,प्रभावित ईलाके के लोगो ने बताया कि पचाठ गांव मे बिते एक पखवारे पूर्व से उफान भरती कोसी करीब 50 मीटर मे मिट्टी क्षरण कर उपजाऊ भुमि को निगलते गांव की ओर पहुंच रही है जबकि नवटोलिया ,बलैठा मे कटावनिरोधी कार्य कर कटाव पर रोक लगा दी गयी है ,अबिलंब उक्त स्थल पर फ्लड फाईटिंग कार्य कर हो रहे मिट्टी क्षरण पर रोक नही लगी तो पचाठ का भूगोल एक बार फिर बदल सकता है ।कई बार गांव के लोगो को बिस्थापन का दंश झेलना पडा एवं अन्यत्र पुनरवासित होकर आशियाना पुरी तरह खडा भी नही हो पाता कि कोसी हुंकार भरने लगती है ।वही इतमादी के गांधी नगर से पचबीघी तक लोगो के आवागमन का सहारा अंचल प्रशासन के सहयोग से बगैर इंजन वाली नाव के सहारे ही हो रही है जबकि डुमरी के पंजीकृत नाविक पूर्व के बकाया भुगतान नही मिलने के कारण अपनी नाव देने से कन्नी काटने लगे ।
लंबित बकाया भुगतान नही होने से नाविको के जिविका का संकट ,जलस्तर मे बढोतरी होते ही डुमरी घाट पर तैरने लगी बडी नाव ,प्रशासन को दिखा रही ठेंगा -कोसी बागमति को आरपार कराने मे डुमरी के नाविको की अहम भूमिका को इंकार नही किया जा सकता है ।
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