कई लोगों को बारिश का मौसम पसंद होता है, तो वही फसल के लिए किसानों को बारिश की जरूरत होती है। कुल मिलाकर देखा जाए तो एक बड़ी आबादी मानसून या बारिश के मौसम का इंतजार करती है। लेकिन सुहाने मौसम और ठंडी पहाड़ों के अलावा बारिश का एक रूप और भी है जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। जब इस मौसम में ड्राइव करना पड़े तो लोगों को खांसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस मौसम में धीमी गति से रेंगता लंबे जाम सड़कों पर भरा पानी उनकी परेशानी बढ़ा देता है। ऐसे में जाने कि अगर आप किसी जलभराव वाली सड़क पर फस गए तो ड्राइव करते वक्त किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
इसी कड़ी में बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के जीरो माइल आलमनगर पथ पर बारिश होने से कुछ जगह रेन कट बन गया है, कुछ जगह सड़क उबर खाबर हो चुका है। जिसको लेकर गाड़ी चालकों को गाड़ी चलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही बीपी मंडल सेतु पुल से लेकर माली चौक के बीच बेला नोबाद गांव के समीप करीब 1 वर्षों से एनएच 107 पथ जर्जर हो गया है। कभी-कभी जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है, तो दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती है। बड़े गाड़ी चालकों को माली चौक होकर बोबील फुलवरिया होते हुए बेलदौर होकर खगड़िया की ओर जाना पड़ रहा है। उक्त सड़क में भी काफी जर्जर हो गई। आए दिन सड़क को एनएच विभाग मरम्मत कार्य नहीं करेंगे तो बड़ी घटना घट सकती है। वही पीरनगरा गांव के समीप डॉ विष्णु देव यादव के घर के निकट करीब 4 फीट गड्ढा हो गया है। गड्ढा हो जाने से लंबी लंबी गाड़ी की जमारा लग जाता है। इस पर पथ विभाग के पदाधिकारी कान में तेल लेकर सोया हुआ है।
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