सावन के पहीला सोमवारी में डाक कांवड़ियों की जत्था बिते रविवार को प्रखंड क्षेत्र से निकला, अपने आराध्य देव शिव शंकर भोले को जल अर्पित किए। मालूम हो कि सावन के पहले सोमवारी को बेलदौर प्रखंड से करीब तीन सो का जत्था डाक कांवड़ियों का निकला। जो आपने प्रखंड के विभिन्न शिवालयों में जल अर्पित किए। डाक कावड़िया मनोज कुमार एवं बबलू बंम ने बताया कि बेलदौर प्रखंड से जब हम उत्तरवाहिनी गंगा अगवानी के लिए जल उठाने के लिए चले तो, गोगरी अनुमंडल के पुलिस बल के जवानों ने हमें रोका। इसके बावजूद भी बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर के चौखट पर जल अर्पित किए। वही करोना वायरस को देखते हुए ।
धार्मिक न्यास परिषद पटना के द्वारा मंदिर परिसर में प्रवेश करना वर्जित हो गया। वहीं मंदिरों के कपाट में ताले पड़े रहेंगे । इसके बावजूद भी चंद्र ग्रहण के कारण डाक कांवरिया के करीब तीन सौ का जत्था रात के करीब 10 बजे से अगवानी घाट से जल भर का बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में दिन के करीब 9 बजे सुबह जल अर्पित बाबा के मंदिर के प्रांगण में किए। डाक कावड़िया ने बताया कि बेलदौर प्रखंड से जाने के बाद गोगरी अनुमंडल पुलिस वालों के द्वारा जगह-जगह बनाए गए ब्रैकेटिंग का सामना करते हुए अगवानी घाट पहुंचे, पुलिसबल के करीब 10 गाड़ियां थे, जो डाक बंम के जल उठाने से मना कर रहे थे । इसके बावजूद भी डाक कावडिय़ा जल उठाकर बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में जल अर्पित किए। अगले वर्ष की भांति विभिन्न जगहों पर डाक कांवड़ियों के लिए सेवा में ग्रामीण मौजूद रहते थे। लेकिन इस करोना वायरस के चलते डाक कावड़ हमको सेवा करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ । वहीं बाबा फुलेश्वर धाम से अगवानी घाट की दूरी करीब 70 किलोमीटर बताई जाती है। वहीं इस डाक कांवड़ियों की शुरुआत बेलदौर में 1990 से शुरू हुई, उस समय 5 से 10 डाक कवड़िया उत्तरवाहिनी गंगा से जल भर कर बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में जल अर्पित करते थे। वहीं डाक कावड़ियों की संख्या बढ़कर करीब 20 हजार के पार हो चुकी है। इस बार करोना वायरस के चलते डाक कांवड़ियों का मनोबल तो चूर हुआ ही, वहीं सेवा की भावना से ग्रामीण डाक कांवड़ियों को लेकर जगह-जगह विभिन्न पंचायत प्रखंडों में सेवा करते थे, उनका भी मनोबल चूर हो गया।
वहीं बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में धार्मिक न्यास बोर्ड परिषद के द्वारा मंदिर में डाक कांवड़ियों के लिए मंदिर का कपाट तो बंद था। लेकिन ग्रामीणों के लिए मंदिर का कपाट खुला हुआ नजर आया। वहीं इसका विरोध कर रहे डाक कावरिया में काफी गुस्सा आया। वही सोमवारी करने वाले महिलाओं के लिए बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर का कपाट खुला हुआ था। जबकि महिलाएं एकत्रित होकर बाबा फुलेश्वर नाथ के शिवालयों पर जलाभिषेक किए।
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