सावन के प्रथम सोमवारी में डाक कांवड़ियों की छोटे वाहनों के द्वारा उत्तरवाहिनी गंगा अगवानी से जल भरने के लिए जात्थे हुए रवाना। मालूम हो कि कोरोना वायरस को देखते हुए धार्मिक न्यास परिषद पटना के द्वारा मंदिर परिसर में प्रवेश करना वर्जित हो गया है। वहीं मंदिरों के कपाट में ताले पड़े रहेंगे, वहीं डाक कांवड़ियों में काफी आक्रोश व्याप्त दिखे।वही डाक कावड़िया सोनू बम, मिथुन बम, अमन बम, कुंदन बम, आदर्श बम, अजीत राम,सुमन बंम, महेश बंम, विरू बंम, सुमित बम आदि ने बताया कि कोरोना वायरस को चलते हुए हम डाक कांवड़ियों को जलाभिषेक करने के लिए धार्मिक न्यास परिषद, जिला पदाधिकारी एवं प्रखंड प्रशासन के द्वारा मंदिरों में ताला लटका दिया है। वहीं बसों में भेड़ बकरी की तरह ठुस कर यात्रियों को चढ़ाया जाता है। इसमें कोरोना नहीं फैलता है, हम डाक कांवड़ियों को जल चढ़ाने से करोना फैलने का खतरा होगा। यह कहां का न्याय है। बेलदौर बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए विभिन्न विभिन्न गांव से करीब 5 सौ की संख्या में डाक कावड़ियों आगवाणी पहुंचकर बाबा फुलेश्वर नाथ धाम मंदिर में जल अर्पित करने के लिए आगवाणी से रात्रि में करीब 8 बजे जल भरकर कर करीब 70 किलोमीटर पांव पैदल चलकर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए
बोल बम बोल बम का नारा लगाते हुए बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। डाक कावड़िया ने बताया कि सावन की सावन मास में बाबा शिव शंकर को जलाभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर में रुद्राभिषेक करके मंदिर का कपाट पूर्ण तरह से बंद कर दिया जाएगा। सावन के अगले वर्ष डाक कांवड़ियों के लिए मंदिर सज धज कर तैयार हो जाती थी। लेकिन इस वर्ष मंदिर तो सजी नहीं, लेकिन प्रशासन का नोटिस जरूर चिपक गया। लेकिन करोना महामारी के चलते विभिन्न विभिन्न शिवालयों में ताला लग चुका है।