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बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज।

संतोष राज
( सबकी खबर आठो पहर न्यूज रूम )
बिहार के राजनीतिक गलियारों में अब चुनावी माहौल देखने को मिल रहा है।
कुछ महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इससे पहले बिहार में  अलग अलग राजनीतिक दलों के कार्यकताओं द्वारा  चुनावी वादे करते दिखाई दे रहे हैं।
वहीं लॉक डाउन के दौड़ान लगभग 37 लाख बिहार वापस आए मजदूर की  रोजी रोटी की बात कोई पार्टी नहीं कर रहे हैं।

 

नीतीश सरकार के  कार्यकाल को लेकर विपक्ष नेता तेजस्वी यादव किसी न किसी मुद्दा को लेकर घेरना शुरू कर दिया है।
 हालांकि राजद में भी  नेताओं  का धाराशाही हो रहा है।
वही  महागठबंधन की बात करें तो  महागठबंधन के नेता, तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री  मानने से इनकार कर रहे हैं।जिस कारण  अभी खिंचा तानी चल रही है।
गठबंधन की बात करे तो  उसमें भी कुछ कम नहीं है।  नीतीश कुमार और सुशील मोदी की जोड़ी  अबतक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में बिहार में कायम है। लेकिन इस बीच में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान  पहले से ही दमखम के साथ आस लगाए हुए हैं। लोजपा के कार्यकता  के द्वारा सोशल मीडिया पर पहले से ही  मुख्यमंत्री के उम्मीदवार घोषित कर प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

पप्पू यादव की बात करे तो  पप्पू यादव बिना सत्ता में रहे हर आपदा विपदा में बिहार के लोगों के बीच मसीहा बन कर खड़े दिखे। लोगों को मदद भी किए और कर भी रहे हैं। बात हो बिहार में सरकार चुनने को तो बिहार के जनता इन तमाम राजनीतिक दलों को पहले से समझ रही है।
बिहार में विकास चाहिए ,बिहार में रोजगार चाहिए तो इस बार जनता को सोच समझ कर अपने मत को प्रयोग निर्लोभी होकर करना होगा।

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