बलवंत चौधरी
( सबकी खबर आठो पहर न्यूज रूम )
(बेगूसराय) : बाल विकास परियोजना कार्यालय छौड़ाही फिर एक नए विवाद में फंस गया है। कार्यालय के महिला पर्यवेक्षक एवं उनके पति पर अनुसूचित जाति प्रताड़ना अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सीडीपीओ छौड़ाही पर व्यापक स्तर पर धांधली बरतने तथा लापरवाही का आरोप लगाया गया है।
प्रखंड प्रमुख छौड़ाही सह प्रखंड प्रमुख संघ के राज्य सचिव मनोज कुमार यादव द्वारा डीएम बेगूसराय को दिए आवेदन के बाद डीएम ने सीडीपीओ से बिंदुवार स्पष्टीकरण की मांग की है। डीएम द्वारा पत्रांक 939 दिनांक 02-06-2020 द्वारा सीडीपीओ छौड़ाही – खोदावंदपुर मीनाक्षी प्रभा से मांगे गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि आपके विरुद्ध प्रखंड प्रमुख एवं प्रमुख संघ के राज्य सचिव द्वारा पत्रांक44 द्वारा परिवाद समर्पित किया गया है।
जिसमें सीडीपीओ के विरुद्ध आरोप लगाया गया है कि बाल विकास परियोजना के क्षेत्र अंतर्गत व्यापक पैमाने पर धांधली एवं लापरवाही की गई है। आपको विभिन्न आवेदनों की छायाप्रति के साथ स्पष्टीकरण पत्र भेजा गया है। निर्देशित किया जा रहा है कि आप 7 दिन के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन राज्य को समर्पित किया जाए। सीडीपीओ के विरुद्ध स्पष्टीकरण पत्र जारी होते हीं बाल विकास परियोजना कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।
मालूम हो कि प्रखंड प्रमुख मनोज यादव द्वारा डीएम को दिए आवेदनों में कहा गया है कि सीडीपीओ छौड़ाही द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों के क्रय पंजी पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है। एकंबा पंचायत के डीही गांव के नवसृजित आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 127 की बहाल सेविका से सीडीपीओ ने घूस मांगा। पैसा नहीं देने पर उन्हें प्रशिक्षण से वंचित कर दिया गया है। वहीं एल एस एवं सीडीपीओ द्वारा 3000 रूपये प्रति आंगनबाड़ी केंद्र से वसूली कर वाउचर दस्तखत मोहरकर बिल पास करा लिया जाता है। क्रय पंजी पर इसकी इंट्री नहीं हो पा रही है। इसके अलावा छौड़ाही खोदाबंदपुर में हुए दर्जनों आंगनवाड़ी सेविका सहायिका के बहाली में व्यापक पैमाने पर धांधली की गई है।
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