के.के. शर्मा रिपोर्टर।
विभूतिपुर थाना क्षेत्र के नरहन बाजार से एक ऐसे मामला सामने आया है
जिसमें पुलिस की पुलिस गिरी साफ दिखाई दे रहा है।
नरहन निवासी मनीष सहनी ने बताया की नरहन बाजार में सात निश्चय योजना के तहत नल जल योजना का कार्य चल रहा है। जिसको लेकर पूरे शहर में पाइप डालने के लिए गड्ढा खोद दी गई है।
मनीष सहनी फोटो।
कल देर शाम वो अपने घर के सामने बाईक लगाकर घर के सामने खड़े थे ।तभी एक स्कॉर्पियो बिना नंबर का गाड़ी आई और मनीष से बाइक को साइड करने के लिए कहा गया मनीष ने बाइक को अपने ओर झुका कर उन गाड़ी में सवार लोगों को रास्ता क्लियर करवाया, मनीष ने सिर्फ इतना कहा कि सर गाड़ी जल्दी निकाल लीजिए।
फिर क्या हुआ।
गाड़ी में सवार लोगों ने सबसे पहले गाड़ी को निकालें आगे जाने के बाद गाड़ी को रोककर गाड़ी से निकले 4 लोगों ने मनीष कुमार पर टूट पड़े। मनीष कुमार को पिटते देख लोगों की भीड़ जमा हो गई।
उतना ही देर में मनीष की बहन रानी कुमारी वहां पहुंची और उनको खरी-खोटी सुनाने लगी।
रानी ने यह कही कि आपने बिना वजह मेरे भाई को मारे हैं आपको ऐसे जाने के लिए नहीं देंगे पहले माफी मांगो उसके बाद जाने देंगे इतना ही देर में भीड़ में खड़े लोगों ने कहा कि यह विभूतिपुर थाना का पुलिस बल है तो रानी ने कहा कि आप पुलिस वाले हो कैसे मान लें आप एक तो बिना नंबर प्लेट का गाड़ी में सवार हो और दूसरी सिविल ड्रेस में हो उसके बाद भी आप बेवजह किसी भी व्यक्ति को मार नहीं सकते हैं जब तक रानी गई वो अपने घर से मोबाइल लाने के लिए तब तक चारों पुलिसकर्मी वहां से फरार हो गया।
बात यहीं खत्म नहीं होती है हालांकि सारे घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो रही थी इससे अनभिज्ञ थे पुलिस कर्मी।
रानी कुमारी ने बताई कि घटना के कुछ ही देर बाद पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर को दूरभाष पर घटना की सूचना दी उसके बाद विभूतिपुर थाना अध्यक्ष कृषि चंद्र भारती रानी कुमारी के मोबाइल पर फोन किए और बात की उन्होंने कहा कि मैं तो थाना पर हूं मैं कैसे आपके भाई को पिटाई किया रानी ने विभूतिपुर थाना अध्यक्ष को जानकारी दी कि आपके थाना के एएसआई कैलाश राम, योगेंद्र यादव ,रामेश्वर राम, भोगेंद्र ,थे रानी ने ये भी कही कि मैं उन्हें बाय फेस पहचानती हूं नाम से नहीं जानती हूं घटना स्थल पर उपस्थित लोगों ने उनका नाम बताया है ।
विभूतिपुर थाना अध्यक्ष कृषि चंद्र भारती ने बताया की छोटी मोटी बात को लेकर इतना उतबला नही होना चाहिए।
सिविल ड्रेस में था बात सही है लेकिन सभी लोग जानते है पुलिस बल को।
वही रानी ने बताई की अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी , पुलिस अधीक्षक, डीजीपी बिहार को लिखित आवेदन देने की बात कही हैं।
समाचार प्रेषण तक विभाग को आवेदन नही दी गई थी।
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