केंद्र सरकार नें भी अपने आदेश में कहा है कि लॉक डाउन में किसी का वेतन नहीं रोकना है किन्तु अन्तर्जिला के वैसे अतिथि शिक्षक जो विभिन्न कॉलेज में बहाल हैं वे परिवार के साथ यहां रह रहे हैं था अन्य अतिथि शिक्षक जो पूर्व में कोई ना कोई कार्य कर जीविकोपार्जन किया करते थे अतिथि शिक्षक बनने के बाद उनकी भी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गयी है । संघ के अध्यक्ष डॉ.सतीश कुमार दास एवं धरना के संयोजक डॉ.राजीव जोशी , मॉनिटर डॉ.दीपक कुमार नें बताया कि संघ द्वारा विश्वविद्यालय को दी गयी वेतन भुगतान से संबंधित आवेदन पर निर्धारित समय के भीतर हम सभी का वेतन भुगतान नहीं करती है तो विश्वविद्यालय को दिए गए पूर्व अल्टीमेटम के तहत सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे । विदित हो कि अतिथि शिक्षक के महाविद्यालयों में योगदान के बाद पठन पाठन के क्षेत्र में वृहत प्रगति हुई है , ऑन लाईन पढ़ाई में भी इन अतिथि शिक्षकों का अहम योगदान को विश्वविद्यालय नें भी स्वीकारा है । लॉक डाउन में भीड़ बढ़े नहीं इस हेतु अन्य अतिथि शिक्षकों को तत्काल सांकेतिक धरना में आने से संघ रोक लगा दी है ।