प्रवासी मजदूरों के घर आने का सिलसिला जारी है, जान जोखिम में डाल कर रहे सफर।

संतोष राज  ( सबकी खबर )
कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में लॉक डाउनलोड है । सरकार के निर्देश के बाद ट्रेन और बसों से मजदूरों को अपने घर लाने की तैयारी चल रही ।वहीं कुछ मजदूर  को सरकारी सहायता नहीं मिल पाई हैं।
ऐसे में मजबूर होकर कोई पटना से तो कोई कोलकाता से अपनी सफर तय कर घर पहुंचने को बेताब है। प्रवासी  मजदूरों ने बताया कि कोलकाता से 4 दिन पहले चले हसनपुर थाना क्षेत्र के शासन गांव निवासी मोहम्मद शमशेर कोलकाता में काम करते थे ।

लॉक  डाउन होने के कारण कामकाज बंद हो गई कुछ दिन किसी तरीके से जीवन यापन किया ।उसके बाद फैक्ट्री मालिक  फैक्ट्री में ताला मार दिया साथ  ही  उन सभी मजदूरों को  घर चले जाने को कहा। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मोहम्मद शमशेर एवं उनके  9 अन्य साथी के साथ कोलकाता शहर को छोड़कर  चल पड़े ।

किसी तरह से उन्हें रास्ते में एक ट्रक मिली ट्रक से उन्हें दरभंगा में छोड़ दिया गया दरभंगा से पैदल सफर तय कर रोसड़ा पहुंचे।
वहीं पर खगड़िया जिला के अलौली थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी मिथिलेश यादव एवं उनके साथ चार अन्य साथी पटना से पैदल चलकर रोसड़ा पहुंचे।
हालांकि रोसड़ा थाना के एसआई राजीव रंजन एवं मोबाइल टाइगर का नजर उन प्रवासी मजदूरों पर पड़ी उन्हें रोककर नाश्ता पानी करवाया गया उसके बाद उन सभी मजदूरों को गाडी का इंतजाम कर उन्हें भेज दिया गया।

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