आवेदन में लगाए गए आरोप का जांच प्रतिवेदन दो दिन में उपलब्ध कराया जाय। डीएओ के आदेश के आलोक में बीएओ ने किसान रवि प्रकाश से आरोप से संबंधित साक्ष्य के साथ सोमवार 27 अप्रैल को उपस्थित होने का आदेश जारी कर दिया। किसान रवि प्रकाश ने तय समय पर उपस्थित हो लिखित जवाब साक्ष्य के साथ बी ए ओ को समर्पित किया। जिसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण न्यायालय कार्यालय सभी बंद हैं लेकिन हम किसान को बेवजह यहां दौड़ाया गया है। कृषि समन्वयक रंजीत रंजन 500 प्रत्येक किसान से लिए बिना आवेदन स्वीकृत ही नहीं करते हैं। मैंने घूस देने से इंकार कर दिया तो अविवाहित होने का कारण बता फसल सहायता आवेदन रद्द कर दिया गया। लेकिन, मेरे ही गांव के अविवाहित व्यास नंदन सिंह, भागीरथी सिंह , रामनिवास, जयजय राम, रामविलास सिंह समेत 20 से ज्यादा लोग जो अविवाहित हैं उनको फसल सहायता योजना का लाभ ₹500 घूस लेकर दे दिया गया।
जिसका साक्ष्य भी दिया गया है।किसान के लिखित जवाब में कहा गया है कि मालपुर पंचायत के मुखिया मनीषा देवी ने भी हमारे इस लिखित जवाब में अपने दस्तखत मोहर के साथ कृषि समन्वयक पर लगाए गए आरोप को सही बताया है। कृषि चौपाल आदि कार्यक्रमों में सार्वजनिक तौर पर भी प्रखंड के कई पंचायत के मुखिया समेत कई जनप्रतिनिधि, और किसान कृषि समन्वयक रंजीत रंजन पर घूस मांगने का आरोप लगा चुके हैं। जिसकी गवाही दर्जनों किसान देंगे।
किसान रवि प्रकाश ने कहा है कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी मामले को रफा-दफा करवाना चाहते हैं। इस कोरोना महामारी में अविवाहित किसान को प्रखंड कार्यालय बुलाए हैं। पत्र में 27 अप्रैल को उपस्थित होने को कहा गया है । लेकिन, बीएओ छौड़ाही ने जो पत्र हमें भेजा है उसमें निर्गत करने की तिथि 23 अगस्त 2020 अंकित की है। यह किसान के प्रति अधिकारियों के दुर्भावना को दर्शाता है। किसान रवि प्रकाश ने जिला कृषि पदाधिकारी से मांग की है कि जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए । इसमें कृषि समन्वयक रंजीत रंजन द्वारा किए गए कई घपले घोटाले सामने आ जाएंगे।
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