जय चंद्र कुमार /खगड़िया
बांद्रा ईस्ट में फंसे जिले के 72 मजदूर।
देश मे लॉक डाउन होते ही जो जहाँ है वही फंसे हुए हैं। सरकार द्वारा की गई लॉक डाउन को पूरे देश वासी मिलकर सफल बनाने में लगे हुए हैं।
ताकि भारत में कोरोना पर विजय प्राप्त कर सके सरकार द्वारा पुनः लॉक डाउन का अवधि बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है।
बिहार के अलग अलग क्षेत्रो से देहारी करने वाले मजदूर देश के अलग अलग राज्य में फंसे हुए हैं। लॉक डाउन के अबधि बढ़ते ही मजदूरों को अपने घर वापसी का चिंता सताने लगा है ।
चिंता क्यों नही सतायेगा साहब 21 दिन के लॉक डाउन किसी तरफ गुजरे अब 3 मई तक लागू किया गया है।
कमाया हुआ सारा पैसा खर्च हो गया है
महाराष्ट्र जैसे शहर में अब भोजन पानी चिकित्सा जैसे परेशानी सताने लगा है
खगड़िया जिला के
गोगरी प्रखंड के कोयला गांव के पैरु सिंह ने दूरभाष कर अपने परिजनों से बात की भी दूरभाष पर पत्रकार को बताया कि अब हम लोगो को सही सलामत बिहार लौट पाएंगे इसमें भी संदेह हो रहा है।
ट्रेन , बस बंद है,सारे काम काज बंद है,वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है।अलग अलग जिलो के 72 मजदूर इस समय महाराष्ट्र के मुम्बई खेरबाड़ी दायमा मार्क ईस्ट बांद्रा के झाड़सिंह के चाल प्लाट नंबर 93 में फंसे है।
खाने पीने की सामिग्री खत्म हो गयी है।मराठियों द्वारा बिहारी हिंदी भाषियों के साथ कि जा रही दूर्यव्यवहार जग जाहिर है।एक वक्त के भोजन के लिए पुलिस की लाठिया खानी पड़ रही है।
फंसे लोगों में पसराहा थाना क्षेत्र के गणेश दास, रविन दास, मनोज, श्रवण, रविन्द्र, खगड़िया के कैलास दास, मंगल दास सहित एक दर्जन से अधिक मजदूर, कोयला से सनोज, मिठुन,पिंटू सहित खगड़िया सहित अन्य जिले के 72 लोग फंसे है।सामाजिक कार्यकर्ता बाबूलाल शौर्य ने मदद का भरोसा दिलाया है।ऐसे में फंसे बिहारी मजदूर को अपने मुख्यमंत्री और जिला प्रशाशन से काफी उम्मीदें है।