बलवंत चौधरी (बेगूसराय)
(बेगूसराय) : बाबूसाहेब दो दिन से भोजन नहीं मिला है। बाल बच्चों संग घर के बाहर खाली बर्तन लेकर बैठे हैं की किन्ही मददगार, जनप्रतिनिधि या अधिकारी जो इस सड़क से गुजरेंगे हमें देखकर दया करेंगे और भोजन करवाएंगे।
लेकिन किन्ही का दिल नहीं पसीज रहा है। अब भूखे बच्चों को रोते देख कर कलेजा फट जाता है। यह कहते कहते फफक फफक कर रो पड़े नट समुदाय के कलाम, हीरा, बनान, चॉद, जटहा मदारी, रफीक, सलाउद्दीन, जनता खातुन, मदीना, हबीबन, नसूमा। अमवलरी, मुन्ना, नगमा, फरजाना, शकीला, मुश्ताक, मुमताज अरबाज आदि लोगों का कहना था कि हम लोग गांव-गांव घूमकर मदारी का खेल दिखा पेट पालते हैं। सभी के पास छौड़ाही प्रखंड के अमारी पंचायत का मतदाता पहचान पत्र भी है। लेकिन आवेदन के बावजूद राशन कार्ड नहीं बनाया गया। लॉकडाउन के कारण हम लोग का धंधा बंद है आदेश का पालन करते हुए घर पर हैं। लेकिन भूखे हैं। बाहर निकलने पर पुलिस भोजन के बदले पिटाई करती है। हम क्या करें। अब परिवार को भूखे पेट रोते देख बर्दाश्त नहीं होता है।
इस संदर्भ में बात करने पर अमारी पंचायत के मुखिया पूनम शर्मा का कहना हुआ कि आपके माध्यम से हीं जानकारी हुई है, पता करवाते हैं। तत्काल मदद करने का प्रयास किया जाएगा।