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दूरदर्शन पर रामायण के प्रसारण से बच्चों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव। शारिरिक दूरी का रख रहे ख्याल, बड़ों को दे रहे हैं बड़ी सीख।

बलवंत चौधरी (बेगूसराय)
  (बेगूसराय) : कोरोना महामारी से बचाव हेतु लॉकडाउन रहने के कारण लोग घरों पर रहकर इसका पालन कर रहे हैं। दूरदर्शन ने लोगों को घर पर बांधे रखने के लिए अपने प्रसिद्ध सीरियल रामायण का पुनः प्रसारण कर रही है। रामायण के प्रसारण से जहां एक तरफ घर के बच्चे से बुजुर्ग तक कई घंटे घरों में रह रहे हैं तो बच्चों के मन पर रामायण के पात्रों का गहरा प्रभाव पड़ रहा है।  बच्चों के हाथ में गिल्ली डंडा, नकली पिस्तौल, बैट बॉल , गुड़िया आदि खिलौने के बदले तीर धनुष गदा आदि नजर आ रहे हैं। बच्चों के व्यवहार भाषा में भी काफी परिवर्तन देखा जा रहा है। लॉकडाउन के नियमों का पालन कर खेल रहे बच्चे बड़ों को भी शारिरिक दूरी पालन करने की बड़ी सीख दे रहे हैं।
 बरौनी प्रखंड के फुलवरिया पंचायत एक के वार्ड नंबर एक में 4 बच्चे आदित्यराज, सत्यराज, अमन कुमार और आयुष कुमार हाथ में तीर धनुष लिए दो मीटर की शारिरिक दूरी बना सामने निशाना लगा रहे थे।

 

पूछने पर उसने बताया कि टीवी पर रामायण में भगवान राम धनुष लेकर राक्षसों का संहार किए थे। हम भी राम, लक्ष्मण, भरत शत्रुघन बन आज इस धनुष से कोरोना राक्षस को इससे मार भगाएंगे।  बच्चों का कहना था कि दूसरे खिलौने में अब मन नहीं लगता है। अब हमको राम लक्ष्मण हीं बनना है।
 आदित्य राज का कहना था कि कोरोना से बचने हेतु खेल के दौरान और घर पर रहने के समय भी शारिरिक दूरी रखते हैं। साबुन से हाथ भी बराबर धोते हैं। बगल में खड़े योगाचार्य गुड़ाकेश जी बताते हैं कि जब से रामायण का प्रसारण शुरू हुआ है इन बच्चों की दिनचर्या और बोलचाल की भाषा सुधर गई है। बड़े बुजुर्गों का सम्मान भी करते हैं। खिलौनों के लिए जिद भी नहीं कर रहे हैं।  हां बच्चों की फरमाइश पर तीर धनुष आदि बनाना पर रहा है।
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर परमानंद मिश्र कहते हैं कि अपनी सनातन संस्कृति से रामायण सीरियल के माध्यम से रूबरू बच्चों में यह सकारात्मक बदलाव है। बच्चे फिल्मी हिरो हिरोइन के बदले श्री राम व माता सीता सा बनना चाहते हैं।

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