बलवंत छौड़ाही (बेगूसराय)
(बेगूसराय) : कोरोना महामारी के इस वैश्विक आपदा के समय भी कुछ लोग गरीबों का आहार तक का गबन करने से नहीं चूक रहे। ऐजनी मुखिया द्वारा सैनिटाइजर के बदले खतरनाक कीटनाशक का छिड़काव कर देने का मामला थमा नहीं था कि सिहमा पंचायत के एक डीलर ने राशन बेचकर 20 लाख की कीमती जमीन खरीद ली। अब भूख से छटपटा रहे सैकड़ों ग्रामीणों ने बीडीओ छौड़ाही, एसडीएम मंझौल, जिला आपूर्ति पदाधिकारी बेगूसराय, डीएम बेगूसराय खाद्य आपूर्ति मंत्री, मुख्यमंत्री बिहार सरकार आदि को ईमेल व्हाट्सएप के द्वारा लिखित आवेदन दे भूख से मरने से बचाने के की गुहार लगाई है।
सिहमा पंचायत के बकारी गांव के 200 परिवार का राशन बकारी के डीलर राजेंद्र राम के यहां मिलता है। वार्ड सदस्य सईस्ता खातून मोहम्मद सोहेल, राजेश सहनी, सुगनी देवी, अरमान, शमीम, अफसाना खातून, रुखशाना, नजराना खातून आदि का कहना है
कि डीलर जनवरी माह से ही राशन नहीं दे दुकान बंद कर गायब थे। इधर कोरोना महामारी के कारण जब अधिकारी की आवाजाही होने लगी तो वह दुकान खोले लेकिन मात्र एक माह का अनाज लाभार्थियों को दे रहे थे। जब पूरे 3 माह का राशन देने के बाद कार्ड पर कुछ लिखने की बात कहे तो वह बिना राशन दिए हीं हम लोग को वहां से भगा दिए। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को कहे तो वह भी यहां आकर डीलर से कुछ ले देकर चलते बने। अब डीलर हम लोग को अनाज नहीं दे रहा है।
राशन वितरण को गठित निगरानी समिति भी डीलर के घोटाले के संबंध में लिखित दे रहे हैं।
हम लोग हंगामा किए अधिकारीगण आए जरूर लेकिन लाभ लोग के चक्कर में अधिकारी भी डीलर के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सैकड़ों लोग कई दिनों से भूखे हैं। जबकि डीलर साहब 20 लाख की जमीन एक माह पहले ही खरीदे हैं ।
ग्रामीणों का कहना है कि 5 दिन पहले डीलर को चावल बेचते रंगे हाथ पकड़ लिए।
वीडियो बनाकर अधिकारी से शिकायत भी किए। लेकिन कुछ नहीं हुआ । अब डीलर एवं उनकी विकास मित्र पत्नी बढ़े मनोबल के साथ हम ग्रामीणों के साथ अमर्यादित व्यवहार भी करती है। इन लोगों ने अधिकारियों से बकाया राशन दिलवाने के साथ डीलर के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।