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आधी आबादी ने ठाना है, कोरोना को भगाना है। जीविका दीदियां मास्क बना कोरोना से जंग में निभा रहीं महत्वपूर्ण भूमिका।

बलवंत कुमार चौधरी(बेगूसराय)

 

मास्क बनाते जीविका दीदी फोटो।

 

(बेगूसराय) : इलाके में कोरोना महामारी का खतरा बढ़ता जा रहा है। बचाव के साथ लोग तरह तरह की सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन, बचाव को लेकर आवश्यक सामग्रियां नहीं मिल रहे हैं। पीएचसी तक में मास्क व सैनिटाइजर की अनुपलब्धता है। जिस कारण लोगों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों को भी मास्क नहीं मिल पा रहा है। इसे लेकर प्रशासन भी चितित हैं। ऐसे में आधी आबादी मास्क की कमी को दूर करने को लेकर आगे बढ़ी है।
जीविका समन्वयक अविनाश कुमार ने बताया कि आमलोगों , स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस को मास्क की कमी न हो इसे लेकर महिलाएं व्यापक स्तर पर मास्क निर्माण कार्य में लग गई हैं। जीविका समूह की महिलाएं कपड़े से मास्क का निर्माण कार्य आरंभ कर चुकी है। महिलाओं द्वारा निर्मित मेडीकेटेड कपड़े का मास्क लोगों तक पहुंचने भी लगा है।
बताया कि छौड़ा प्रखंड की 50 से ऊपर दिदियां इस कार्य में लगी हुई है। जीविका समूह की महिलाओं की इस पहल से न सिर्फ इलाके में मास्क की कमी दूर होगी बल्कि, इससे लॉकडाउन में फंसे महिलाओं को आमदनी भी हो जाएगी।
समूह की महिलाओं द्वारा सूती कपड़े से वन व टू लेयर के मास्क का निर्माण किया जा रहा है। जो महज दस से बीस रुपये तक में लोगों को उपलब्ध हो पा रहा है। महिलाएं कपड़े की थान से कपड़े काट मास्क के अनुसार सिलाई कर बांधने के लिए फीता लगाती हैंं। निर्माण के बाद उसे सैनिटारइज भी करती है। उसके बाद यह इसकी आपूर्ति कर रही हैं। रोजाना 800 मास्क प्रखंड की जीविका दिदियों द्वारा उत्पादन कर बिक्री की जा रही है।
मास्क निर्माण में लगीं उत्पादक समूह की महिला अंजूला कुमारी, अंजली देवी, नेहा देवी, दीपिका देवी आदि दिदियां कहती हैं कि इस समय पूरा देश कोरोना जैसी महामारी की चपेट में है। लोगों को बचाव को लेकर मास्क तक नहीं मिल रहा है। ऐसे में सबों को एक दूसरे को मदद करना चाहिए। मास्क का निर्माण इसी उद्देश्य के लिए समूह स्तर पर किया जा रहा है। इसका निर्माण लोगों की मदद के लिए है न कि आय के लिए। मास्क की कीमत उसमें लगी लागत के अनुसार हीं लिया जा रहा है। मास्क बनते हीं बिक जा रहा है। कई जगह से मांग तेज हो गई है। दिन रात काम में लगे हुए हैं।
बीपीएम जीविका राजू कुमार बताते हैं कि कोरोना के प्रभाव के बीच इलाके में मास्क की अनुपलब्धता है। जिसे लेकर जिला पदाधिकारी के निर्देश सामुदायिक समन्वयक व टीओ की बैठक कर उत्पादक समूह की महिलाओं से मास्क निर्माण कार्य कराने का निर्णय लिया गया। जिसमें समूह की महिलाओं ने भी रुचि दिखाई और जोर- शोर के साथ निर्माण कार्य में जुट गई हैं। अब मास्क की कमी नहीं रहेगी।

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