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कुछ जनप्रतिनिधि कर रहे सेवा तो, कुछ प्रतिनिधियों को खोज रही जनता। जनप्रतिनिधियों के नहीं हो रहे दर्शन।

बलवंत कुमार चौधरी

 

बेगूसराय) : आजकल कोरोना महामारी को लेकर सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए आमजन अपने-अपने घरों में बंद हैं। इन बंद घरों से कोरोना महामारी से लड़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति व्यक्त की जा रही है। लेकिन इस संकट की घड़ी में जनप्रतिनिधियों के दर्शन नहीं होने से आमजन उनके प्रति काफी खफा दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर आश्वासन देकर गायब हुए जनप्रतिनिधियों पर काफी मीम भी शेयर किए जा रहे हैं।

जब जरूरत तब मोबाइल ऑफ : प्रखंड के तमाम ग्राम पंचायतों की गुरुवार को मुखिया की अध्यक्षता में बैठक हुई बैठक के बाद एक दो मुखिया जी और वार्ड सदस्य अपने अपने घर के आस-पास अपने नजदीकी लोगों को  साबुन बांट कर उसका फोटो सोशल मीडिया पर डाल सो गए हैं।  पंचायत बांसी इंतजार में थे कि अब हमारे यहां भी मुखिया जाएंगे लेकिन लाख खोजने के बाद भी मुखिया जी नहीं पहुंचे। ग्रामीण कहते हैं कि हम लोग इंतजार में हैं कि कब साबुन मिलेगा। जनप्रतिनिधियों का फोन भी इस विकट स्थिति में रिसीव नहीं हो रहा है। जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त हाथ पैर जोड़ते हैं। हम लोग इमानदारी से वोट भी देते हैं। इस संकट के समय उन्हें हमारे दुख में भागीदारी कर आवश्यक सामग्री, भोजन आदि की वयवस्था करना चाहिए। लेकिन विधायक, सांसद, मंत्री गायब हैं।वह लोग सिर्फ टेलीविजन चैनल पर दिखाई देते हैं।

 

ये हैं मिसाल, कर रहे अपने दम पर सेवा : प्रखंड के सिहमा पंचायत के मुखिया पवन कुमार साह ने पंचायत वासियों को आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति शुरू कर दी है। वहीं गांव में वेरीटेक लगा आवागमन रोक दिया है। वहीं मालपुर मुखिया मनीषा देवी, सावंत मुखिया रिंकू देवी, अमारी मुखिया पूनम देवी एवं परोड़ा मुखिया संजीदा खातून अपने-अपने पंचायत में लगभग प्रत्येक परिवार के पास पहुंच उन्हें रुमाल साबुन शैंपू सर्फ आदि रोजमर्रा की जरूरतों की सामग्री पहुंचा रहे हैं। कई गरीब परिवारों को भोजन भी कराया जा रहा है ।सामग्रियों में हुए खर्च मुखिया जी अपने जेब से वहन कर रहे हैं । प्रखंड के गायब जनप्रतिनिधि भी सेवा में तल्लीन इन मुखिया जी से सीख ले अपने अपने पंचायत के जनता को सुविधा पहुंचा सकते हैं।

 

 

 

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