बलवंत कुमार चौधरी (बेगूसराय)
(बेगूसराय) : कोरोना वायरस के फैलाव व इसके चलते शहर से गांव तक लॉकडाउन होने से लोगों के समक्ष अब तरह-तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है। सबसे ज्यादा परेशान मजदूरी कर रोज पेट पालने वाले लोगों के समक्ष खड़ी हो गई है। फुटपाथ और भ्रमण कर सामान बेचने वाले भी आमदनी नहीं होने से परेशान हैं।
काम नहीं है पेट पालना है मुश्किल : छौड़ाही प्रखंड के देवा दास, गोविंद दास, रामू दास आदि सैकड़ों लोग दिल्ली में रहकर बेलदारी का काम करते थे। वहां कोरोना वायरस का खौफ था इसलिए, 20 दिन पूर्व ही गांव आ गए। अब यहां भी लॉक डाउन हो गया है सब कुछ ठप है। यह लोग बताते हैं कि हम लोग डेली कमाते डेली खाते हैं। अब यहां भी एक सप्ताह से कोई काम नहीं मिल रहा है। सब तरफ अफरा-तफरी मची है। जेब का सारा पैसा खर्च हो चुका है। दुकानदार उधारी देने से मना कर रहा है। आगे भी कोई काम नहीं दिख रहा। परिवार का पेट कैसे चलाएंगे इस चिंता में पड़े हुए हैं। बाहर नहीं जा रहे हैं कि भूखे पेट घर पर तो किसी तरह बाल बच्चों का मुंह तो दिख रहा है। बाहर कहीं कोरोना के चपेट में आ गए तो जीवन ही समाप्त हो जाएगा। सरकार हम लोगों को जल्द से जल्द कुछ सहायता दें जिससे हम लोगों का जीवन बचा रह सके।
इसी तरह फेरी कर कपड़ा बेचने वाले, कुरकुरे बिस्कुट आदि बेचने वाले, खाद्य सामान बेचने वाले, आइसक्रीम वाले समोसा चाट गोलगप्पा के ठेला लगाने वाले, सड़कों हाट बाजार में दुकान लगाने वाले एवं अन्य सामान बेचने वाले का भी काम एकदम ठप पड़ गया है। सरकार के आदेश पर हाट बाजार पर भी प्रतिबंध लग गया है। छौड़ाही के अरुण कुमार मुकेश कुमार बताते हैं कि हाट बाजार लग नहीं रहा है, घर पर से कम लोग निकल रहे हैं। हम लोग का सारा समान पड़ा हुआ है। पूजी फंसी है तो सामान अलग बर्बादी भी हो रही है। समान नहीं बिकने से काफी नुकसान भी हो रहा है। बताया कि हम लोग छोटे-मोटे फेरीवाले रोज कमाने रोज खाने वाले लोग हैं। हम लोगों के जीवन यापन कैसे चलेगा। कोरोना वायरस एक तरफ से तो दूसरी तरफ से पेट की आग हम लोगों को झुलसा रहा है। इन गरीब मजदूरों ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित अनाज एवं 1000 रुपये अगले माह ही मिल पाएगा । इस बीच हम गरीब लोग को भूखे भूखे रहने की नौबत रहेगी। तत्काल हम लोगों के लिए प्रशासन घर तक राशन एवं अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने का काम करे। सरकार लॉक डाउन की अवधि तक हम गरीब लोगों के जीवन यापन के लिए कोई व्यवस्था करें।