जनता कर्फ्यू के बहाने एकजुट हुए परिवार के सभी सदस्य। कहानी खेल संस्मरण सुनाने में बीत रहा समय। दादा दादी की कहानी सुन प्रसन्न बच्चे खुशी खुशी रहे घरों में बंद।

बलवंत चौधरी,  बेेेगूसराय

 

*दादी के साथ बच्चे अपने घर मे कहानी सुनते हुए।

बेगूसराय : कोरोना वायरस महामारी का रूप लेता जा रहा है। इस महामारी से छुटकारा पाने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज रविवार को जनता कर्फ्यू लगा। जनता के लिए जनता द्वारा लगाया गये कर्फ्यू से कोरोनावायरस से लड़ने के वैज्ञानिक आध्यात्मिक जो फायदे हो वह तो है हीं। इसके साथ साथ कई अन्य फायदे भी दिख रहे हैं। बराबर घर से बाहर रहने वाले लोग अपने माता-पिता दादा-दादी भाई बहन चाचा चाची चचेरे भाइयों के साथ अपने घरों के बंद दरवाजे के भीतर आज ज्यादा खुशी का अनुभव कर रहे हैं। कारण है अपनों का साथ। सुखद यह कि कोरोना वायरस संक्रमण का चेन इस कर्फ्यू द्वारा टूटने के साथ-साथ परिवार के सदस्यों का आपसी जुड़ाव भी गहरा रहा है।
दादा दादी से कहानी सुनने की जिद्द : चौधरी परिवार भोजा में जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह घर के सभी वरिष्ठ सदस्य अपने-अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर के अंदर रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे। नादान शरारती बच्चे कोरोना वायरस से बेपरवाह बाहर खेलने की जिद पर अड़े थे। सभी बच्चे बुजुर्ग दादा दादी के इर्द-गिर्द जमा हो गए। दादा दादी भी नन्हे मुन्ने को बहुत दिनों बाद अपने पास पास देख काफी प्रसन्न थे। इसी बीच एक बच्चे कुमार अभि ने परी की कहानी सुनाने की जिद्द दादी से की। और फिर खुलने लगा दादी के कहानियों का पिटारा। परियों देवी देवताओं और राक्षसों से भरपूर रोचक कहानियां सुन बच्चे लाख कहने के बावजूद भी वहां से हटने को तैयार नहीं। इसी तरह चौधरी परिवार में जनता कर्फ्यू के साथ-साथ आत्मिक जुड़ा भी हो रहा था। बच्चे दादा-दादी सब खुश कर रहे थे। कहा महीना इसी तरह बच्चे मेरे पास रहे मैं कहानियां सुनाता रहूं।
लड़कियों ने आजमाया कैरम बैडमिंटन पर हाथ, युवकों ने झाड़ी किताब से धूल : मालपुर गांव के संतोष यादव का भरा पूरा परिवार है। जनता कर्फ्यू के दौरान परिवार की के युवा बड़ों को घर में रहने के कारण मोबाइल को हाथ भी नहीं लगा रहे थे। घर के सेल्फ में रखी मुंशी प्रेमचंद जैनेंद्र फणीश्वर नाथ रेनू आदि लेखकों द्वारा रचित पुस्तक जो धूल से पटी थी उसको झाड़ पढ़ अपना समय व्यतीत कर रहे थे। मनोज यादव सुभाष यादव वैभव कुमार आदि बताते हैं कि बहुत ही अच्छा लग रहा है। मोबाइल से दूर कोरोना वायरस से बचने के साथ-साथ पुस्तकें पढ़कर काफी ज्ञान मिल रहा है। वहीं घर की लड़कियां कैरम लूडो बैडमिंटन आदि खेल कर अपना समय पास कर रही थी। इनका कहना था कि घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे थे। चचेरी बहन को साथ में लिया और बैडमिंटन पर हाथ आजमाने लगे। देखते-देखते चाची एवं अन्य चचेरी बहनें मेरी मां भी आ गई और कैरम बैडमिंटन खेलने के साथ सुख दुख भी बांटने लगे। बताया कि इतने दिनों बाद परिवार में तरह का लगाव देख मन करता है कि एक माह का जनता कर्फ्यू लगे जिससे सभी टूटे रिश्ते पुनः जुड़ जाय। बहुत हीं अच्छा लग रहा है। कोरोना वायरस से बचाने एवं अपने तो अपने होते हैं इसका एहसास दिलाने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री मोदी जी।
यह हमारा कमरा है क्या ? : जनता कर्फ्यू के कारण घर पर मौजूद लखनपट्टी मिडिल स्कूल के नियमित प्रधानाध्यापक राजोपुर निवासी सेनापति यादव आज सुबह से ही अपने कमरे को निहार रहे हैं। वह बताते हैं कि संकुल संचालक प्रधानाध्यापक के साथ-साथ शिक्षक संघ का अध्यक्ष होने के नाते सोमवार से रविवार प्रत्येक दिन सुबह 7:00 बजे ही घर से निकल जाते थे तो लौटकर रात 10:00 बजे के बाद घर आ खा कर पुनः सो जाते थे। कभी ढंग से घर के कमरे को निहार नहीं पाता था । पत्नी बच्चों भाइयों भाइयों के बच्चों से मुलाकात भी ठीक से बात हो पाती थी। आज सुबह जनता कर्फ्यू के कारण घर पर ही हैं।अपने कमरे को गौर से देखा तो पाया कि क्या यह मेरा ही घर का कमरा है ? इसके बाद घर परिवार बच्चों को सामने बैठा बातचीत करना शुरू किया तो तीन बज गया। पत्नी बोली कि आप रोज ऐसे ही रहे और खूब बातें करें, अच्छे लगते हैं। कहा कि कोरोना वायरस का फैलाव तो इस जनता कर्फ्यू से रुकेगा ही अब, 10 दिनों तक घर से कहीं नहीं जाऊंगा। कोरोना से बचाने एवं अपने कमरे को हम पहचान सके एवं परिवार के साथ का एहसास कराने के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री मोदी जी। हम कोरोनावायरस से भी लड़ेंगे और जीतेंगे भी।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *