बैंक से पैसा निकासी को लेकर धक्का मुक्की,लोग भूल गए कोरोना वायरस,

कोरोना काे लेकर एडवाइजरी जारी फिर भी बैंकों में ग्राहकों की धक्का-मुक्की।
*बैंक में पैसे के लिये लगी भीड़।*

रिपोर्ट:- आज़ाद इदरीसी

 


हसनपुर प्रतिनिधि:-सरकार ने कोरोना को लेकर भीड़- भाड़ से बचने के लिए स्कूल,कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रम को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्देश दे दिया हैं। लेकिन प्रखंड के बैंकों में कमोबेश ठेल्लम ठेल ही रहता हैं। पुरूषों से कही अधिक महिलाओं की लम्बी लाइन लगी रहती हैं। कोरोना का भय देश दुनिया में जितना प्रभावी हो स्थानीय बैंकों में लोगों के जरूरत के आगे यह डर कही टिकता नही दिखता। कोरोना को दरकिनार कर बैंकों में जरूरतमंद धक्का मुक्की करके भी अपनी बारी के इंतजार में घंटों तक खड़े रहते हैं। यह सच है कि सरकार कोरोना को लेकर भीड़- भाड़ से बचने के लिए स्कूल कॉलेज और सार्वजनिक कार्यक्रम को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्देश दे दिया हैं। वही संचार माध्यमों द्वारा जागरूकता के लिये कोरोना वायरस से बचने के लिये मास्क, स्टेनलाइजर आदि के उपयोग के साथ लोगों से एक मीटर की दूरी बना कर रखने के लिये जोरो से प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं। कोरोना से डर की स्थिति है कि टीवी, रेडियो व संचार के अन्य माध्यम में सबकी जरूरत बन गया मोबाइल भी खास रहा है। जिसको भी जिधर सुनिए लोग गांव देहात से शहर तक कोरोना-कोरोना ही चिल्ला रहे हैं। स्थानीय प्रखंड के बैंक एसबीआई के एक ग्राहक सोनू कुशवाहा,तनवीर ऑटो के प्रोपराइटर मो.तनवीर,अभिषेक भारती,अफरोज अनवर आदि ने बताया कि बैंक की भीड़ देखकर मैं लंच के पहले लौट गया था। फिर दोपहर बाद आया तो भीड़ जस की तस बनी हुई है और लोग एक दूसरे को धकेल रहे हैं। हांलाकि कोरोना वायरस के प्रभाव पर बैंकों द्वारा बरती जा रही एहतियात को लेकर प्रबंधन से पूछे गये सवाल पर प्रबंधक कुछ भी बोलने से इनकार कर गये। हालांकि बढ़ते खतरे को देखते हुये बैंककर्मी अब खूद मास्क का प्रयोग कर रहे है । मूल समस्या में तो खाताधारी की भीड़ है जो पैसे और जरूरत के लिये किसी भी खतरे को तैयार है।

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