बलवंत कुमार चौधरी (बेगूसराय)
सर्दी खांसी की शिकायत लेकर पहुंचे श्रवन पासवान मोहम्मद बिलाल काजमी, मंसूर अहमद रुखसाना बेगम आदि मरीज पीएचसी से बिना इलाज के कराए हीं लौट गए। उन्होंने बताया कि अभी कोरोनावायरस को लेकर काफी सतर्कता बरतने का निर्देश सरकार ने दिया है। इसके लक्षण पर तुरंत नजदीकी असरकारी अस्पताल में जाने को कहा जा रहा है। लेकिन यहां ना डॉक्टर हैं, नाहीं इलाज हो रहे हैं। कर्मी कोई मदद नहीं कर रहा है। अन्य बीमारी के इलाज के लिए पहुंचे लोगों में भी काफी आक्रोश स्वास्थ्य विभाग के प्रति देखा जा रहा है।
प्रखंड वार्ड पंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष अशोक पंडित उर्फ लैला बिहारी कहते हैं कि आंदोलन के नाम पर डॉक्टर , स्वास्थ्य प्रबंधक आदि छुट्टी मना रहे हैं। जबकि अन्य कर्मचारी यहां कामकाज ठप किए हुए हैं। बताया कि आश्चर्य की बात है कि 10 बेड का कोरोना आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। लेकिन उसमें भी ताला जड़ा हुआ है। कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। हमारे इलाके के संदिग्ध लोग बेगूसराय या प्राइवेट क्लीनिक में इलाज के लिए मजबूर हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से इस पर पहल कर अविलंब स्वास्थ्य सेवा सुचारू रूप से चलाने की मांग की है।
दूसरी तरफ मंगलवार को भी बिहार राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आहूत धरना कार्यक्रम का नेतृत्व प्रखंड मंत्री एएनएम हीरा कुमारी कर रही थी। धरना पर बैठे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना था कि छह माह से उन्हें विभाग द्वारा वेतन नहीं दिया गया है। संघ के निर्णय के मुताबिक वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन के तहत वे लोग धरना पर बैठे हैं। प्रखंड मंत्री ने कहा कि हम लोग इमरजेंसी छोड़कर अन्य काम का वेतन नहीं मिलने तक बहिष्कार करेंगे। धरना पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार को भी सौंपा। धरना में एएनएम हीरा कुमारी, शांति कुमारी, बेबी कुमारी, कुमारी शांति शर्मा, आशा कुमारी, चित्र रेखा कुमारी, मुकेश कुमार सिंहा समेत कई स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे।
इस संदर्भ में बात करने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके कामकाज प्रभावित हुआ है। लेकिन इमरजेंसी सेवा बहाल है मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है।