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कोरोना वायरस का खौफ, मुर्गा में कोरोना वायरस की अफवाह, 20से 30 रुपये बिक रही साबुत मुर्गी। मटन और मछली बनी लोगों की पसंद, चढ़ा भाव।

बलवंत कुमार चौधरी (बेगूसराय) :

 

अभी तक कहीं से भी मुर्गा मुर्गी खाने से कोरोनावायरस होने की बात सामने नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर फैल रहे अफवाह के कारण मुर्गा फार्म व्यवसाय धड़ाम हो गया है। हालत यह हो गई है कि डेढ़ सौ से 200 रुपये में एक मुर्गा सप्ताह भर पहले बिक रहा था वह मुर्गा 30 -40 रुपये में भी कोई लेने वाला नहीं मिल रहा है। कोरोना वायरस को लेकर इलाके का पोल्ट्री व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है। चिकेन और अंडे की बिक्री पर जबरदस्त प्रभाव है। भाव में गिरावट के बाद भी सन्नाटा पसरा है। अफवाह का ऐसा असर पड़ा कि लोग चिकेन खाने से परहेज कर रहे हैं। कारोबारी बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि कोरोना वायरस चिकेन से नहीं फैल रहा, लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाह इस कदर है कि व्यवसाय चौपट होकर रह गया। चिकेन को लेकर फैले भ्रम का असर रेस्टोरेंट और होटलों तक में देखने को मिल रहा। फिलहाल, वहां के मेन्यू से चिकेन की सारी वेरायटी गायब है। है भी तो ग्राहक ऑर्डर नहीं कर रहे।
वाहन से प्रचार कर बेच रहे मुर्गा : इलाके में चिकेन सेंटर के संचालक पोल्ट्री उत्पादों को जैसे-तैसे खपा रहे हैं। ऐजनी, परोड़ा, श्यामपुर, एकंबा, शाहपुर , छौड़ाही बाजार आदि जगहों पर वाहन पर लाउडस्पीकर से प्रचार कर महज पचास रुपये में दो किलो से अधिक वजन वाले चिकेन को बेचा जा रहा है। चिंता की बात यह कि इस प्रकार से बेचे जाने के बाद भी लोग हिचक के साथ हीं मुर्गा खरीदारी कर रहे हैं। रामाश्रय दास, मोहम्मद फिरोज, अखलाक आलम आदि कई दुकानदारों ने बताया कि होली के कुछ दिन पहले तक चिकेन का भाव 120 रुपये प्रति किलो तक था। लेकिन, होली के आसपास यह घटकर पचास रुपये प्रतिकिलो हो गया। इसके बाद भी डिमांड नहीं हुई तो 20-30 रुपये तक भाव आ गया। इसके काफी घाटा होने के साथ पूंजी भी फंस गई है।

मटन और मछली का बढ़ा भाव : मांसाहार के शौकीन लोग चिकेन और अंडे से परहेज जरूर कर रहे, लेकिन मटन और मछली उनकी पसंद बने हैं। चिकेन सस्ता होने पर भी दुकानदार मक्खी मारते रहे। वहीं, मटन सामान्य दिनों की रेट से उछाल खाकर 400 से 450 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया। मछली भी काफी लोग पसंद करते हैं। आंध्रप्रदेश मछली की कीमत 160 रुपये प्रतिकिलो की जगह दो सौ रुपये प्रतिकिलो हो गई। वहीं देसी मछली की कीमत में भी 40 से 70 रुपये प्रतिकिलो तक उछाल आ गया है। मटन और मछली की खरीदारी कर रहे सुनील कुमार, राहुल दास, कामनी आदि बताते हैं कि सतर्कता बरत रहे हैं। जब हालत सामान्य होगा तब मुर्गा पर ध्यान देगें। बताया कि अफवाह हो या हकीकत चिकेन को हमलोग बहुत मिस रहे हैं।
खुब खाएं अंडा व चिकेन : अंचलाधिकारी सुमंतनाथ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर कमलेश कुमार बताते हैं कि चिकेन व अंडा से कोरोना फैलाने की बात अफवाह है। इसका सेवन कहीं से भी नुकसान दायक नहीं है। लोग पौल्ट्री उत्पाद का बिना संकोच व भय का सेवन करें। सरकार द्वारा भी इस संबंध में जानकारी सार्वजनिक कि गई है।

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